India-Canada Dispute: भारत ने दी चेतावनी, कहा- गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी से होंगे गंभीर परिणाम
India-Canada Dispute: भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में दोनों देशों के बीच गहरी दरार पैदा हो गई है। हाल ही में, इस मामले में कनाडा के डिप्टी विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन द्वारा एक संसदीय समिति की सुनवाई के दौरान भारत के गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए जाने को भारत ने गंभीरता से लिया है। इस विवाद के कारण दोनों देशों के रिश्तों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना बढ़ गई है।
भारत का कड़ा विरोध
एक दिन पहले, भारत ने कनाडा में स्थित भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब कर इस मुद्दे पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी। भारत ने कनाडा के प्रतिनिधि को एक कूटनीतिक नोट सौंपा है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि कनाडा की वर्तमान ट्रूडो सरकार एक राजनीतिक एजेंडे के तहत काम कर रही है, जिससे दोनों देशों के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत, कनाडा के उप विदेश मंत्री द्वारा गृह मंत्री अमित शाह के नाम का जिक्र किए जाने का कड़ा विरोध करता है।
अमित शाह के नाम पर भारत की आपत्ति
भारत का मानना है कि कनाडा के अधिकारियों द्वारा भारतीय गृह मंत्री का नाम लेना और बिना आधार के आरोप लगाना एक तरह से भारत की छवि को खराब करने का प्रयास है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा, “हमने कनाडा के उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब किया और एक कूटनीतिक नोट सौंपा, जिसमें बताया कि कनाडा के उप विदेश मंत्री द्वारा अमित शाह के संदर्भ में की गई टिप्पणियों का भारत कड़ा विरोध करता है।” उन्होंने कनाडा पर जानबूझकर भारत को अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के सामने बदनाम करने का आरोप भी लगाया।
भारतीय अधिकारियों की जासूसी का आरोप
इस तनावपूर्ण माहौल में, भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों पर कनाडा में जासूसी की भी खबरें सामने आई हैं। जायसवाल ने कहा कि कनाडा सरकार ने स्वयं भारतीय अधिकारियों को सूचित किया है कि उनकी फोन टैपिंग की जा रही है। भारत ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज करते हुए इसे राजनयिक संधियों का खुला उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि यह कनाडा सरकार द्वारा भय और उत्पीड़न का एक तरीका है, जो स्थिति को और भी खराब कर रहा है।
साइबर सुरक्षा पर कनाडा की नई रिपोर्ट
कनाडा की इंटेलिजेंस एजेंसी कम्युनिकेशन सिक्योरिटी एस्टैब्लिशमेंट (CSE) ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया है, जिन्हें साइबर खतरे के रूप में देखा जा रहा है। इस सूची में पहली बार भारत का नाम शामिल किया गया है, जबकि इससे पहले चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों को ही इस सूची में रखा गया था। कनाडा का आरोप है कि भारत साइबर तकनीक का उपयोग करके कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी अलगाववादियों पर नजर रखता है।
भारत की छवि खराब करने का प्रयास
विदेश मंत्रालय ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि यह एक और तरीका है जिससे कनाडा भारत पर बिना सबूत के आरोप लगा रहा है। भारत का कहना है कि कनाडा द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और इसका मकसद केवल भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाना है। जायसवाल ने कहा कि कनाडा की इस रणनीति का मकसद वैश्विक स्तर पर भारत के खिलाफ राय बनाना है, जबकि इस मामले में भारत को कोई ठोस सबूत अब तक नहीं दिया गया है।
दिवाली उत्सव रद्द करने पर भारत की नाराजगी
कनाडा सरकार द्वारा दिवाली समारोह को रद्द करने के फैसले पर भी भारत ने अपनी नाराजगी जताई है। जायसवाल ने इसे कनाडा में बढ़ते कट्टरपंथ और असहिष्णुता का संकेत बताया। उन्होंने कहा कि इस समय वहां के माहौल के कारण भारतीय छात्रों और कामकाजी लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह निर्णय कनाडा में भारतीय समुदाय के लिए एक बड़ी निराशा का कारण बना है।
दोनों देशों के रिश्तों पर प्रभाव
भारत और कनाडा के रिश्तों पर इस विवाद का गहरा असर पड़ रहा है। जहां एक तरफ भारत लगातार कनाडा को चेतावनी दे रहा है कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान दोनों देशों के रिश्तों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, वहीं कनाडा अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत भारत के खिलाफ कदम उठा रहा है। दोनों देशों के बीच यह तनाव न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।
भारत और कनाडा के बीच यह राजनयिक विवाद एक नए मोड़ पर पहुंच चुका है। खालिस्तानी आतंकवाद, जासूसी के आरोप, साइबर सुरक्षा रिपोर्ट और दिवाली समारोह को रद्द करने जैसी घटनाएं इस तनाव को और बढ़ा रही हैं। इस समय, दोनों देशों को शांतिपूर्ण समाधान के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। ऐसी घटनाएं केवल दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं और इनके कारण द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। भारत ने कनाडा को चेतावनी देते हुए साफ कर दिया है कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना कदम गंभीर परिणाम लेकर आएंगे।